आजादी के बाद भी किसानों का शोषण नहीं हुआ कम | Patrika Hindi
लाडनूं. देश में 70 वर्ष बीतने क बाद भी किसानों की दशा में कोई सुधार नहीं है। आजादी के बाद किसानों का शोषण जारी है। ये बात किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमराराम ने निम्बीजोधा में सोमवार को अखिल भारतीय किसान सभा के तत्वावधान में हुईकिसान सभा को बतौर मुख्य वक्ता सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जो किसान खेती कर दूसरों का पेट पालने का काम करता है आज स्थिति ये हो गई है वह भूखों मरने की कगार पर पहुंच गया है। किसानों को फसलों के वास्तविक भाव नहीं मिल रहे हैं। इसके चलते कृषि घाटे का सौदा बनकर रह गई है। वहीं किसानों पर भी कर्जा बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों ने हमेशा किसानों को लूटने का काम किया है। सरकार की कुनीतियों के कारण किसान मरने को मजबूर है। माकपा के जिला सचिव भागीरथ यादव ने कहा कि सरकार की कुनीतियों के कारण किसान, महिला समेत अन्य वर्गों के लोगों को अपनी मांगों को लेकर सडक़ों पर उतरना पड़ रहा है। इसके बावजूद उनकी कोई सुनने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बछड़ों की बिक्री पर रोक लगाकर पशुपालकों के साथ भी अन्याय करने का काम किया है। इसके चलते पशु मेले भी समाप्त होने की कगार पर है। किसान सभा के जिलाध्यक्ष भागीरथ नेतड़ ने कहा कि सरकार में बैठे जनप्रतिनिधियों ने किसानों के लिए कोईआवाज नहीं उठाई है। किसान नेता अमराराम ही किसानों की समस्याओं को पुरजोर तरीके से उठाया है। कार्यक्रम में किसान सभा के राज्य कमेटी सदस्य नारायण डूडी,किसान सभा के जिला सचिव मोतीलाल शर्मा, माया कंवर, हनुमान भाकर रताऊ, भंवर लाल बावरी, रामकरण डूकिया, ओमदास, पेमाराम मेहरा, इन्द्रभगवान शर्मा, शिवभगवान लेड़ी भी मंचस्थ अतिथि थे। कार्यक्रम का संचालन एडवोकेट ईश्वर मेघवाल ने किया। इससे पूर्व अमराराम का रोडू, रायधना, लेड़ी, कसुम्बी, जसवंतगढ़, लाडनूं, बाकलिया में किसानों ने माल्यार्पण कर स्वागत किया। मोटरसाइकिल रैली के साथ अमराराम को निम्बीजोधा लाया गया।