राजस्थान और महाराष्ट्र के बाद अब यूपी में भी होगा किसानों का प्रदर्शन! – Firstpost Hindi
किसान सभा के यूपी महासचिव ने कहा कि राजस्थान और महाराष्ट्र ने हमें राह दिखाया है, अब हम यूपी के किसानों के अधिकारों के लिए उनकी मदद करेंगे
महाराष्ट्र में ऐतिहासिक किसान यात्रा और राजस्थान में महापड़ाव के बाद ऑल इंडिया किसान सभा अब उत्तर प्रदेश के किसानों को एकत्रित कर रही है जिससे वो अपने अधिकारों के लिए खड़े हो. किसान सभा ने गुरुवार को राजधानी में एक विरोध प्रदर्शन कर इसकी झलक भी दिखा दी.
विशेषज्ञों का कहना है कि सीपीआई (एम) की किसान शाखा किसानों के गुस्से और अशांति को अपने पक्ष में करना चाहती है. किसानों पर बढ़ते कर्ज और गाय को लेकर जो हंगामा हो रहा है उससे लोगों के बीच असंतोष का माहौल है.
गिरी इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस स्टडीज के प्रोफेसर प्रशांत त्रिवेदी कहते हैं कि योगी आदित्यनाथ सरकार की बहुत प्रचार वाली 35 हजार करोड़ रुपए की लोन माफी से भी किसानों का ज्यादा भला नहीं हुआ है. इसका प्रमुख कारण यह है कि ज्यादातर किसान स्थानीय लोगों से लिए पैसे पर निर्भर रहते हैं. कुछ ही किसान सरकार और कोऑपरेटिव बैंकों से लोन ले पाते हैं.
खोई जमीन पाने की भी कोशिश
प्रोफेसर इशारा करते हैं कि किसानों का गुस्सा उत्तर प्रदेश में पिछड़ों के बीच अपनी आधार खो चुकी लेफ्ट के लिए एक मौका है. प्रदर्शन के जरिए वो इसे वोट बैंक में बदल सकते हैं. यह वोट बैंक दो दशक पहले एसपी और बीएसपी जैसी पार्टियों के पास चला गया था.
न्यूज-18 की खबर के मुताबिक, लखनऊ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सुधीर पंवर कहते हैं कि 2019 का लोकसभा चुनाव में कृषि और कृषि संकट के मुद्दे ही प्रमुख होंगे. पंवर समाजवादी पार्टी से जुडे हुए हैं और किसान जागृति मंच भी चलाते हैं.
ग्रामीणों और किसानों में बीजेपी को लेकर गुस्सा
उन्होंने कहा कि खेती पर सरकारी 2012 के 10 प्रतिशत के मुकाबले इस साल मात्र 2.8 प्रतिशत रह गया है. उपचुनावों में बीजेपी की पराजय सिर्फ एसपी और बीएसपी के गठजोड़ के कारण हुए जातिगत समीकरण के कारण नहीं हुआ है, बल्कि ये नतीजे ये दर्शाते हैं कि लोगों में खासकर ग्रामीण और किसानों में बीजेपी को लेकर कितना गुस्सा है.
ऑल इंडिया किसान सभा के यूपी महासचिव मुकुट सिंह कहते हैं कि बीजेपी सरकार अपने बड़े-बड़े वादों को पूरा कर पाने में असफल रही है, इस कारण किसानों की परेशानी और बढ़ गई है. वो कहते हैं कि अब समय आ गया है कि किसान एक जुट हों.
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और राजस्थान ने निश्चित तौर पर हमें रास्ता दिखाया है और अब हम उत्तर प्रदेश के किसानों के अधिकारों के लिए उनकी मदद करेंगे.
गुरुवार को लक्ष्मण झूला मैदान में हुए प्रदर्शन में भले ही मुंबई जैसी भीड़ न हुई हो लेकिन हजारों की संख्या में लोग किसान सभा के नेताओं, खास कर अशोक धावले को सुनने के लिए इंतजार करते दिखे. अशोक धावले महाराष्ट्र में हुए प्रदर्शन में शामिल थे.