चूरू कलेक्ट्रेट घेराव 3 June 2023

कृषि बीमा क्लेम और अच्छी बिजली के लिए चूरू जिला कलेक्ट्रेट का घेराव अखिल भारतीय किसान सभा जिला कमेटी चूरू के आह्वान पर किसानों ने जिले भर के अंतिम किनारे के गांवों से लगभग 100 किलोमीटर से अलग-अलग जत्थों के रूप में चूरू जिला कलेक्ट्री के लिए पैदल मार्च शुरू किया। तारानगर तहसील के साहवा गांव से 28 मई को सैकड़ों किसानों ने पैदल मार्च करते हुए तारानगर की कृषि मंडी में पहुंचे और वहां से रवाना होकर छट्ठे दिन चूरू जिला कलेक्ट्रेट पर हजारों लोग पहुंचे। इसी तरह से सरदारशहर तहसील के भादासर, घडसीसर, सावर और बिल्यू 4 अलग-अलग गांवो से पैदल जत्थे रवाना होकर सरदारशहर कृषि मंडी पर इकट्ठे होकर एक जत्थे के रूप में जिला कलेक्ट्रेट पर पहुंचे राजगढ़ और सिधमुख के किसान 31 मई को राजगढ़ तहसील मुख्यालय आंदोलन स्थल से रवाना होकर जिला कलेक्ट्रेट पर पहुंचे। रतनगढ़ सुजानगढ़ के किसान भी पैदल मार्च में शामिल हुए। चूरु तहसील, जिला मुख्यालय के गांवो से हजारों की संख्या में किसान जिला कलेक्ट्रेट घेराव में शामिल हुए 2 जून को सभी जत्थे चूरू जिला कलेक्ट्रेट की तरफ रवाना हुए। सभी जत्थों का अलग-अलग गांवो में भोजन और रात को रुकने के लिए शानदार व्यवस्थाएं ग्रामीणों ने की। सभी जत्थों में अपने राशन और रहने सोने की व्यवस्थाएं साथ लेकर सभी जत्थे चलें थे। चुरू जिले में अखिल भारतीय किसान सभा पिछले 15 वर्षों से कृषि बीमा क्लेम के लिए किसानों में जागरूकता फैलाई है। प्रशासन को कृषि बीमा क्लेम के लिए सजग रखा और पूरे देश भर में चुरू जिला की अखिल भारतीय किसान सभा एक बेहतरीन समझ रखती है जिसके जरिए ही कृषि बीमा क्लेम का आंदोलन और कृषि बीमा क्लेम का किसानों को अच्छी तरीके से इसका फायदा दिलवाने में कामयाब रहे सबसे पहला तहसील और जिला मुख्यालय पर आंदोलन 2012 में किया गया जब बीमा कंपनी के चुरू जिले के 80% किसानों को बीमा देने से यह कहकर मना कर दिया कि बड़े पैमाने पर इलाके में चने की फसल की बुवाई नहीं होई अखिल भारतीय किसान सभा ने कहा कि चने की बुवाई तो हुई थी मगर बीज मारी हो गई। जिसकी गिरदावरी रिपोर्ट नहीं हो पाई इसलिए वह आंदोलन तहसील और जिला मुख्यालय पर 58 दिन के बाद जीत के साथ खत्म हुआ उसके बाद भी अलग-अलग तहसील मुख्यालय पर अलग-अलग कृषि बीमा के मुद्दों को लेकर कृषि बीमा क्लेम के लिए शानदार संघर्ष हुए हैं जिसमें तारानगर के तहसील मुख्यालय पर किसानों का रातभर कब्जा, राजगढ़ और तारानगर तहसील में चक्का जाम बाकी सभी तहसीलों पर दो से चार महीनों के धरना और प्रदर्शन रहे हैं पिछले 1 वर्ष से जारी इस संघर्ष का मुख्य वजह खरीफ 2021 में जिलेभर में बेमौसमी बरसात से बड़े पैमाने पर फसलों को नुकसान हुआ था जिसकी क्रॉप कटिंग सरकार के पटवारियों और कृषि प्रवेक्षो ने की और जिले भर में लगभग 700 करोड रुपए का क्लेम निर्धारित हो रहा था। लेकिन एसबीआई जनरल इंश्योरेंस जोकि जिले की कृषि बीमा कंपनी है जिसने राज्य सरकार के सामने एक आपत्ति लगाई की यह सही नहीं है और हमें सेटेलाइट के आंकड़े उपलब्ध करवाए जाए जिसके आधार पर हम किसानों को क्लेम देंगे राज्य सरकार की सहमति के बाद उन्होंने यही आपत्ति केंद्र सरकार के पास लगाई और राज्य की गहलोत सरकार और दिल्ली की मोदी सरकार दोनों ने एसबीआई जनरल इंश्योरेंस के पक्ष में फैसला करते हुए चूरू जिले के किसानों को सेटेलाइट से 60% और क्रॉप कटिंग से 40% का फैसला करते हुए क्लेम का तीनसो करोड़ रुपया किसानों के खातों में डाल दिया किसानों ने और अखिल भारतीय किसान सभा ने यह मांग की कि हमें पटवारियों द्वारा की गई क्रॉप कटिंग की रिपोर्ट दी जाए लेकिन राज्य सरकार ने यह कहते हुए मना कर दिया कि हम क्रॉप कटिंग नहीं दे सकते इसके खिलाफ लंबे संघर्ष के बाद जिला कलेक्टर के साथ एक समझौता हुआ जिसके बाद अखिल भारतीय किसान सभा को खरीफ 2021 की क्रॉप कटिंग की रिपोर्ट मिली

खरीफ 2021 की क्रॉप कटिंग की रिपोर्ट के अध्ययन के बाद पता चला कि जिले के किसानों का खरीफ 2021 का कृषि बीमा क्लेम लगभग 700 करोड रुपए बनता है जबकि एसबीआई जनरल इंश्योरेंस ने सेटेलाइट के आधार पर 300 करोड़ रुपए देकर किसानों के साथ बड़ी ठगी की है। इसके बाद खरीफ 2022 का जिले का कृषि बीमा क्लेम जारी करते हुए एसबीआई जनरल इंश्योरेंस ने फिर से 71 पटवार मंडलों पर आपत्ति लगा दी, उनका क्लेम रोक दिया बाकी जिले का क्लेम जारी कर दिया जिसके खिलाफ भी किसान सभा ने संघर्ष शुरू किया उसके बाद जिले भर में सरदारशहर तारानगर, राजगढ़ में बड़ी महापंचायत अखिल भारतीय किसान सभा ने की इसी के साथ राजगढ़ तहसील मुख्यालय पर तहसील के मिनी सचिवालय के आगे 100 दिन से ज्यादा समय से पड़ाव और तालाबंदी भी जारी रखी है इसके बाद जिला कमेटी के फैसले के मुताबिक पैदल मार्च और जिला कलेक्ट्री घेराव का निर्णय किया गया। जिसको अमल करते हुए 2 तारीख को हजारों किसान जिला कलेक्ट्री घेराव में शामिल हुए दोपहर बाद जिला कलेक्टर और बिजली अधिकारियों के साथ हुई वार्ता हुई। जिसमें चूरू जिला कलेक्टर के साथ अखिल भारतीय किसान सभा के पदाधिकारियों की वार्ता हुई जिसमें जिला कलेक्टर के साथ कृषि और पुलिस के अधिकारी भी शामिल रहे। अखिल भारतीय किसान सभा की ओर से चूरू जिला के पर्यवेक्षक राज्य कमेटी के संयुक्त मंत्री सागर खाचरिया, राज्य महासचिव छगनलाल चौधरी, जिला अध्यक्ष इंद्राज सिंह, जिला मंत्री उमराव सिंह, राज्य कमेटी सदस्य निर्मल कुमार प्रजापत, जिला संयुक्त मंत्री सुनील कुमार पुनिया, कुंभाराम जाखड़ जिला उपाध्यक्ष, पाला राम मेघवाल, पूर्णाराम सरावग, हरिराम टांडी, रामनारायण रुलानिया, मदनलाल जाखड़, बिरजू राम खीचड़ शामिल रहे वार्ता में खरीफ 2022 पर लगी आपत्तियों में से 55 पटवार मंडलों की आपत्ति जिला कलेक्टर ने हटा देने का निर्णय दिया। बाकी बची 16 पटवार मंडलों की आपत्तियों पर एसबीआई जनरल इंश्योरेंस के साथ-साथ किसानों के गवाह सबूत भी जिला कलेक्टर सुनकर फैसला करेंगे। शाम 5:00 बजे राज्य सरकार की तरफ से खरीफ 2021 पर लगी आपत्ती को वापस लेने के संबंध में एक पत्र भी जिला कलेक्टर ने अखिल भारतीय किसान सभा को सौंपा जिसके बाद फैसला लिया गया कि खरीफ 2021 का कृषि बीमा क्लेम की आपत्ति को केंद्र सरकार जब तक वापस लेकर चूरू जिले की 5 तहसीलों के 181 पटवार मंडलों का कृषि बीमा क्लेम देने के निर्णय होने, और चुरू जिले में कृषि कुओं को 6 घंटे अच्छी बिजली देने, बकाया कृषि कनेक्शन देने तक यह महापड़ाव जारी रहेगा।

3/6/2023

(उमराव सिंह)

चूरू जिला मंत्री

अखिल भारतीय किसान सभा