UP Kisan leaders visit family of farmer killed by goons of Private Finance company

New Delhi, 26th January, 2018

A three member fact finding team comprising of Mukut Singh, secretary of UP unit of AIKS, B L Bharati, secretary of All India Agriculture Workers Union and Praveen Singh, State councilor of AIKS on 25th January have visited the family members of farmer Gyan Chandra Yadav at Bhauri Village in Sitapur district in UP by a criminal gang of L&T Finance Company. The farmer was killed for his inability to repay the remaining sum of Rs 65000 of loan taken for purchasing a tractor.

The farmer had purchased a new tractor from the L&T Finance Company in replacement of his old tractor and Rs 30000 in addition. Against the due of Rs. 2.9 lakh that was to be paid back within three years so far Rs 6 lakh was paid with interest. The farmer had deposited to Rs 35,000 in early January 2018 and the remaining arrears were Rs.65, 000. Five persons representing the private moneylender company reached his field while he was plowing and snatched the key of the tractor. The criminal gang had forcefully taken the tractor away and while doing so crushed Gyan Chandra under the tractor. He died in the spot. His brother Omprakash Yadav had been an eyewitness to the horrible crime.

The team met wife of the farmer Gyan Devi and five daughters namely Arathi (15 years) who have speech and hearing difficulties, Goldi (12 Years), Kajal (8 Years) Meera (6 years) and Amshika (6 months). The police was not willing to arrest the culprits. However, after the strong protest by the village people and due to the strong pressure from Kisan organizations and Media, four accused were arrested on 25th January and remanded to Jail. So far, no government officials have visited the family and announced any compensation. No leaders or MLA’s of the BJP have visited the family.

The Kisan leaders have demanded that case must be registered against the owners of the L&T Finance Company, ensure all culprits will be punished as per the law. The State Government has to pay Rs 25 lakh as compensation to the family immediately. The AIKS will provide legal aid to the family.

Released by

RC Yadav
For AIKS Office

लखनऊ। उ.प्र. किसान सभा के महामंत्री का. मुकुट सिंह, खेत मजदरू यूनियन उ.प्र. के महामंत्री बी.एल. भारती, किसान सभा राज्य काउंसिलर एवं राज्य कार्यालय प्रभारी प्रवीण सिंह की टीम ने दिनांक 25.1.2018 ग्राम भांरी जिला सीतापुर, उ.प्र., जहां एक किसान को फाइनेंस कम्पनी द्वारा ऋण वसूली के नाम पर 20.1.2018 को टेंक्टर से कुचलकर मौत के घाट उतार टेंक्टर लूट लिया,
का दौरा किया। जांच दल ने निम्नलिखित रिपोर्ट दी –

यह कि श्री ज्ञानचंद्र जाटव उम्र 45 वर्ष, अपने टेंक्टर से 20.1.2018 को खेत की जुताई कर रहे थे। निजी फाइनेंस कंपनी एल-टी के कारकुन अमित एवं अन्य चार पांच लोग कार से आये और कर्ज वसूली के नाम पर टेंक्टर रोक उस पर चढक़र चाभी छीन ली। ज्ञानचंद्र ने कहा कि मैं कर्ज की किश्त चुका रहा हूं, शेष भी अदा कर दूंगा किन्तु फाइनेंस कम्पनी के कारकूनों व साथ में आये भाड़े के बदमाशों ने एक न सुनी और ज्ञानचंद्र को धक्का मारकर नीचे गिरा दिया तथा टेंक्टर से कुचलते हुए टेंक्टर लूट कर भाग गये। आगे-आगे टेंक्टर और पीछे फाइनेंस कंपनी की कार जा रही है। श्री ज्ञानचंद्र की मौके पर ही मौत हो गयी।

मृतक के भाई श्री ओमप्रकाश घटना के प्रत्यक्षदर्शी थे, उन्होंने घटना के सम्बन्ध में उक्त जानकारी देते हुए जांच टीम को बताया कि मेरे भाई ज्ञानचंद्र ने अपना पुराना टेंक्टर और 30 हजार रूपये नकद देकर टेंक्टर एजेंसी से नया टेंक्टर लिया था, शेष 2 लाख 90 हजार कर्ज के रूप में एल-टी फाइनेंस कंपनी, जिसका कार्यालय सीतापुर में है, से तीन साल के लिए लिया था। जिसमें अभी तक छह लाख रूपया अदा किया जा चुका है। अभी हाल में ही 10 जनवरी को 35 हजार रूपये जमा किया था जिसकी रसीद बाद में देने की बात उक्त फाइनेंस कंपनी के कार्यालय में कही गयी थी। 65 हजार रूपये शेष रह गया था।

जन दबाव से तीन नामजद व अज्ञात के विरूद्ध थाना रामपुर कलाँ में धारा 394, 342 एवं 302 आई.पी.सी. के अन्तर्गत रिपोर्ट लिखी गयी। थाना पुलिस फाइनेंस कंपनी एल-टी को बचा रही है। जन दबाव और मामला मीडिया में आ जाने से चार अभियुक्तां को पहले थाने में बैठाये रखा, बाद में उन्हें जेल भेजा गया। अभी तक शासन, प्रशासन एवं एल-टी फाइनेंस कंपनी द्वारा मृतक आश्रित परिवार को कोई आर्थिक सहायता नहीं दी गयी है। क्षेत्रीय सपा विधायक व प्रशासनिक अधिकारियां के अलावा सत्ताधारी पार्टी का कोई जन प्रतिनिधि पीड़ित परिवार की सुध लेने नहीं पहुंचा।

मृतक ज्ञानचंद्र के पास मात्र साढ़े तीन बीघा (कच्चे) जमीन बतायी गयी है। उनकी पत्नी श्रीमती ज्ञानदेवी उम्र 38 वर्ष, पांच नाबालिग बेटियां जिनमें सबसे बड़ी आरती 15 वर्ष जो मंदबुद्धि और गूंगी है, गोल्डी 12 वर्ष, काजल 8 वर्ष, मीरा 6 वर्ष तथा अंशिका 6 माह की है। परिवार निराश्रित हो गया है। उनका टूटा छप्पर पड़ा दो कमरे का घर है। वे बेहद गरीब अनूसूचित जाति से हैं। अब परिवार के भरण पोषण का कोई साधन नहीं रह गया है। जांच दल ने उन्हें सांत्वना देते हुए न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया।

जांच दल की तरफ से का. मुकुट सिंह ने श्री योगी सरकार से मांग की है कि एल-टी फाइनेंस कंपनी के घटना में शामिल कारकूनों सहित अन्य सभी को तत्काल जेल भेज कड़ा दंड दिलाया जाये और उक्त फाइनेंस कंपनी के खिलाफ भी कड़ी कार्यवाही की जाय। मृतक आश्रितों को सरकार 25 लाख रूपये का मुआवजा एवं किसान दुर्घटना बीमा का 5 लाख रूपये तत्काल दिलाये। मृतक की विधवा पत्नी और नाबालिग लड़कियों के भरण पोषण की जिम्मेदारी एल-टी फाइनेंस कम्पनी पर डाली जाये, उससे कम से कम 5-5 लाख रूपया प्रत्येक आश्रित के नाम फिक्स डिपोजिट में जमा कराये जायें। साथ ही निजी फाइनेंस कंपनियों के मकड़जाल, जालसाजी और गुण्डागर्दी से वसूली पर रोक लगाकर उनसे किसानों को बचाया जाये तथा फाइनेंस कंपिनयों और महाजनों के कर्ज को ऋण माफी के दायरे में शामिल किया जाये।

जांच दल को बताया गया कि जिले में निजी फाइनेंस कंपनियां ने ट्रेक्टर एजेंसियां की सांठगांठ से किसानों को ऋण के मकड़जाल में फंसाकर मनमाने तरीके से ऊँची ब्याजदरों, पेनाल्टी तथा वसूली खर्च के नाम पर लूट मचायी हुई है। उनकी ऊँची राजनीतिक व प्रशासनिक पहुंच है। पुलिस भी उन्ही का साथ देती है। पीड़ित किसानों की शिकायतों की कोई सुनवाई नहीं होती है। श्री रामचंद्र निवासी ग्राम बलदेव करोरा, श्री ओमप्रकाश निवासी ग्राम घुल्ला सरांवा, श्री दुर्गा निवासी मसरिया सिरौली आदि ने फाइनेंस कंपनियां के गैर कानूनी कारनामों और आपबीती सुनाते हुए बताया कि वे भी इसके भुक्तभोगी हैं। पूरे जिले में फाइनेंस कम्पनियां ट्रेक्टर एजेंसियों से मिलकर किसानों को लूट रही हैं।

जांच दल ने गांव व आसपास के खेतों में काम कर रहे लोगों से बातचीत की जिन्होंने घटना में उल्लिखित तथ्यों की ताईद की, अन्य कई तथ्य भी सामने आये। जैसे कि भौंरी की पूरी आबादी अनुसूचित जाति की है। कुल 70-80 परिवारों में से मात्र 25 के पास ही खाद्य सुरक्षा के अन्तर्गत राशनकार्ड हैं। मनरेगा में दो वर्षों से काम नहीं है। अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी दलितों, गरीबों, विधवाओं को नहीं मिल पा रहा है। पेंशनें जो मिल रही थीं, वे भी बंद हो गयी हैं। आमतौर पर सीमांत एवं भूमिहीन श्रेणी के किसान हैं, जो मुख्यतः खेत मजदूरी एवं चीनी मिल में मजदूरी पर निर्भर हैं। चीनी मिल में 174 रूपये एवं गांव में 100 रूपये दैनिक मजदूरी की दरें हैं। नियमित काम भी नहीं मिलता है। क्षेत्र में नहरी व सरकारी नलकूपों से सिंचाई की सुविधा नहीं है। गांव के लिए टूटी फूटी सड़क व कच्चा रास्ता है।

(मुकुट सिंह)
महामंत्री उ.प्र. किसान सभा 10 विधानसभा मार्ग, लखनऊ